Tuesday, October 16, 2012

बिहार के नेताओं की क्षुद्र बुद्धि: हाल के मधुबनी के पुलिस फायरिंग और आगजनी का पर्दाफास


हाँ तो दोस्तों हाल के मधुबनी के पुलिस फायरिंग और आगजनी का पर्दाफास पढ़िए.
                                                                           कहानी बतलाने से पहले बतला दूं की अनावश्यक गयी तीन जान और करोड़ों की संपत्ति के नुकसान के लिए हाल के कुछ महीनों के नितीश जी के बडबोलेपन और उनके विरोधियों के गोआरी बुद्धि को मैं हीं नहीं, बिहार के हर चौराहे पर बैठा इंसान जिम्मेवार मानता है.
                                 जगतपति चौधरी (भूमिहार) की बेटी प्रशांत नामक लडके के साथ फरार हो गयी जो लड़का मैथिल ब्राह्मण है. दोनों के बारे में और भी जानकारी है पर आज के दौर के लिए अनावश्यक है. तो जब दोनों फरार हुए और कई दिनों तक लडके वालों को भी पता नहीं चला, तो उनकी चिंता बढ़ती गयी क्यूंकि जगतपति चौधरी न केवल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी हैं, बल्कि उनका एक रिश्तेदार उसी इलाके के आई जी हैं. अब पुक्लिस विभाग पर भादोसा किसी से छुपा नहीं है . . . .
                                  पिछले कुछ महीनों से नितीश जी का पैतरा कुछ ऐसा चल रहा था की ज्यादातर मैथिल ब्राहमण (भा ज पा समर्थक) का उनकी (ज द यु) सरकार से निराश हो चले थे . . . उनका भादोसा उठ गया था . . .
                                                         बिहार के लोग सीधे साधे होते हैं. मैथिल ब्राह्मण जो ज्यादातर आज की तारीख में भा ज पा के साथ हैं, नितीश और भाजपा के बीच की राजनैतिक पैतरेबाजी नहीं समझ पा रहे हैं . . . . पहले से हीं बिफरे हुए लोगों को मंद बुद्धि विपक्ष ने अपना निशाना बनाया . . .  और ये जातीय समीकरण . . . और उस जातीय समीकरण में पड़ने वाली दरार का फ़ायदा उठाने के लिए तैयार गोआर लोग . . . .
                                                                                बस लग गयी आग . . . क्यूंकि, बिहार के मंजे नेताओं को आग लगाने के अलावा कुछ आता नहीं है . . . कुछ रचनात्मक विरोध कर नहीं सकते . . . पिछले कई सालों के मुद्दों के सुखाद के बाद एक मौक़ा हाथ लगा था . . . . वो भी जातीय खून में सना . . . .
बस . . . .
और क्या?
अंत तो आप सबको मालूम हीं की लड़का लड़की दोनों सजीव पाए गए . . . . और उनके तरफदारी में उछलने वाले तीन बुद्धू स्वर्ग सिधार गए!

बिहार के नेताओं की क्षुद्र बुद्धि: हाल के मधुबनी के पुलिस फायरिंग और आगजनी का पर्दाफास

हाँ तो दोस्तों हाल के मधुबनी के पुलिस फायरिंग और आगजनी का पर्दाफास पढ़िए.
                                                                           कहानी बतलाने से पहले बतला दूं की अनावश्यक गयी तीन जान और करोड़ों की संपत्ति के नुकसान के लिए हाल के कुछ महीनों के नितीश जी के बडबोलेपन और उनके विरोधियों के गोआरी बुद्धि को मैं हीं नहीं, बिहार के हर चौराहे पर बैठा इंसान जिम्मेवार मानता है.
                                 जगतपति चौधरी (भूमिहार) की बेटी प्रशांत नामक लडके के साथ फरार हो गयी जो लड़का मैथिल ब्राह्मण है. दोनों के बारे में और भी जानकारी है पर आज के दौर के लिए अनावश्यक है. तो जब दोनों फरार हुए और कई दिनों तक लडके वालों को भी पता नहीं चला, तो उनकी चिंता बढ़ती गयी क्यूंकि जगतपति चौधरी केवल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी हैं, बल्कि उनका एक रिश्तेदार उसी इलाके के आई जी हैं. अब पुक्लिस विभाग पर भादोसा किसी से छुपा नहीं है . . . . 
                                  पिछले कुछ महीनों से नितीश जी का पैतरा कुछ ऐसा चल रहा था की ज्यादातर मैथिल ब्राहमण (भा पा समर्थक) का उनकी ( यु) सरकार से निराश हो चले थे . . . उनका भादोसा उठ गया था . . .
                                                         बिहार के लोग सीधे साधे होते हैं. मैथिल ब्राह्मण जो ज्यादातर आज की तारीख में भा पा के साथ हैं, नितीश और भाजपा के बीच की राजनैतिक पैतरेबाजी नहीं समझ पा रहे हैं . . . . पहले से हीं बिफरे हुए लोगों को मंद बुद्धि विपक्ष ने अपना निशाना बनाया . . .  और ये जातीय समीकरण . . . और उस जातीय समीकरण में पड़ने वाली दरार का फ़ायदा उठाने के लिए तैयार गोआर लोग . . . . 
                                                                                बस लग गयी आग . . . क्यूंकि, बिहार के मंजे नेताओं को आग लगाने के अलावा कुछ आता नहीं है . . . कुछ रचनात्मक विरोध कर नहीं सकते . . . पिछले कई सालों के मुद्दों के सुखाद के बाद एक मौक़ा हाथ लगा था . . . . वो भी जातीय खून में सना . . . . 
बस . . . . 
और क्या?
अंत तो आप सबको मालूम हीं की लड़का लड़की दोनों सजीव पाए गए . . . . और उनके तरफदारी में उछलने वाले तीन बुद्धू स्वर्ग सिधार गए!